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समय की पहचान Questions and Answers, Notes, Summary

अभ्यास

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

Samay Ki Pehchan Hindi Notes KSEEB Soltuions प्रश्न 1.
कवि के अनुसार मनुष्य को सुख कब नहीं मिलता?
उत्तर:
कवि के अनुसार समय को नष्ट करके सुख नही मिलता।

Samay Ki Pehchan Notes KSEEB Soltuions प्रश्न 2.
बहाने बनाने का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर:
बहाने बनाने का प्रमुख कारण आलस है।

Samay Ki Pehchan KSEEB Soltuions प्रश्न 3.
समय किसका दिया हुआ अनुपम धन है ?
उत्तर:
समय भगवान (ईश) का दिया हुआ अनुपम धन है।

समय की पहचान Notes KSEEB Soltuions प्रश्न 4.
कवि किस पर विश्वास करने को कहते हैं ?
उत्तर:
कवि आत्मा (अपनेआप) पर विश्वास करने को कहते है।

Samay Ki Pahchan KSEEB Soltuions प्रश्न 5.
समय के खोने से क्या होता है ?
उत्तर:
समय के खोने से हमेशा पछताना पडता

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

Samaya Ki Pahchan Notes KSEEB Soltuions प्रश्न 1.
मनुष्य के लिए सुख की प्राप्ति कब संभव है ?
उत्तर:
मनुष्य के लिए सुख की प्राप्ति तब संभव है जब वह समय का सदुपयोग करता है। काम के समय को बहाने करके नहीं टालता है। समय का नष्ट न करके सुसमय पर जो काम करना है, उसे मन लगाकर करता है। ऐसे मनुष्य को ही जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।

10th Hindi Samay Ki Pehchan Notes KSEEB Soltuions प्रश्न 2.
समय का सदुपयोग कैसे करना चाहिए ?
उत्तर:
एक पल को भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। एक-एक पल से ही जीवन बनता है। इसलिए काम कोई भी हो उसे बिना किसी बहाने बनाये उसी समय पूरा मन लगाकर करना चाहिए। आलस्य त्याग कर, समय को अमूल्य धन मानकर कार्य करने से जीवन सफल होता है। हमें काम करने का जो अवसर प्राप्त होता है, उसे व्यर्थ जाने नहीं देना चाहिए।

Samay Ki Pehchan Question Answer KSEEB Soltuions प्रश्न 3.
कविता के अंतिम चार पंक्तियों में कवि क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर:
कवि के अनुसार, अपनेआप पर विश्वास रखकर जो भी काम हम करें, उसे पूरी लगन के साथ करें। हमें काम करने का अच्छा अवसर प्राप्त होता है। उसे व्यर्थ जाने नहीं देना है। समय को खोकर मनुष्य सुखी नहीं रह पाता। उसे हमेशा पछताना पडता है।

III. निम्नलिखित शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :  (सर्वथा, चक्रवर्ती, करो अभी, शुभ)

  1. जो करना है, …………… कल हो क्या जाने ?
  2. चाहो तुम क्यों नहीं ………… भी होके ।
  3. यही समय ही अहो तुम्हारा …………. जीवन है।
  4. खोकर पीछे इसे …………….. पछताओगे।

उत्तर:

  1. करो अभी
  2. चक्रवर्ती पम
  3. शुभ
  4. सर्वथा

IV. अनुरूपताः

  1. आलस : परिश्रम :: नष्ट : ——
  2. जानो : मानो :: लगा दो : —
  3. धन : निर्धन :: दिया : ——
  4. जीवन : मरण :: खोना : ——

उत्तर:

  1. लाभ
  2. भगा दो
  3. लिया
  4. पाना

V. जोडकर लिखिएः

1. उद्योगी सुख
2. आलस अनुपम धन
3. जीवन समता
4. समय बहाना
5. द्रव्य पल-पल
सुसमय

उत्तर – जोडकर लिखना

1. उद्योगी सुसमय
2. आलस बहाना
3. जीवन पल-पल
4. समय अनुपम धन
5. द्रव्य समता

VI. उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्दों को
पहचानकर लिखिए :
उदाः जाता – पाता

  1. बहाने – नहाने
  2. समता – क्षमता
  3. धन – मन
  4. लगा दो – मिला दो
  5. जानो – मानो
  6. पाओगे – खोओगे

VII. नीचे दिये गए शब्दों का शुद्ध रूप लिखिए :

  1. चकरवरती – चक्रवर्ती
  2. चिता –  चिंता
  3. नश्ट – नष्ट
  4. अलास – आलस
  5. सरवथा –  सर्वथा
  6. समय –  संयम

VIII. उदाहरण के अनुसार शब्द लिखिए :

उदाः समय – सुसमय

  1. पुत्र – सुपुत्र
  2. फल – सुफल
  3. मन – सुमन
  4. योग्य – सुयोग्य
  5. यश – सुयश
  6. नाद – सुनाद
  7. मति सुमति

IX. अपने अध्यापक की सहायता से इसे पूर्ण कीजिए:

एक पहर – तीन
एक दिन – चौबीस
एक सप्ताह – सात
एक पक्ष – पंद्रह
एक मास – तीस दिन
एक साल – तीन सौ पैंसठ – दिन

X. तालिका में महीनों का नाम लिखिए और 30 दिन आनेवाले महीनों में हरा रंग, 31 आनेवाले महीनों में पीला रंग, 28/29 आनेवाले महीने में लाल रंग भरिए:

जनवरी – 31 मई – 31 सितंबर – 30
फरवरी – (28/29) जून – 30 अक्तूबर – 31
मार्च – 31 जुलै – 31 नवंबर – 30
अप्रैल – 30  अगस्त – 31 दिसंबर – 31

समय की पहचान Summary in Hindi

समय की पहचान कवि परिचय:
कवि सियारामशरण गुप्त का जन्म 4 सितंबर 1895 को मध्यप्रदेश के झाँसी के चिरगाँव में हुआ था। पिता का नाम सेठ रामचरण कनकने और माता का नाम कौशल्या बाई था। ये हिंदी के राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के अनुज थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद घर पर ही उन्होंने गुजराती, अंग्रेजी तथा उर्दू भाषा सीखी। 1929 में महात्मा गाँधीजी के संपर्क में आकर वर्धा में रहे। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘मौर्यविजय’, ‘अनाथ’, ‘विषाद’, ‘आर्द्रा’, ‘आत्मोत्सर्ग’, ‘मृण्मयी’, ‘बापू’, ‘नकुल’ आदि। दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए उन्हें नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी द्वारा ‘सुधाकर पदक’ प्रदान किया गया। 29 मार्च 1963 में इनका निधन हुआ।

कविता का आशय :
‘समय’ अधिक महत्वपूर्ण तथा उपयोगी होता है। समय को जो अपना सच्चा साथी बना लेगा, वह अपने काम में सा होगा। इस कविता में यह संदेश दिया गया है कि हमें काम करने का जो अवसर प्राप्त होता है, उसे व्यर्थ जाने नहीं देना चाहिए।

कविता का भावार्थ :

1) उद्योगी को कहाँ नहीं सुसमय मिल जाता,
समय नष्ट कर कहीं सौख्य कोई भी पाता।

समय सबसे बड़ी संपति है। इसका महत्त्व धन से भी ज्यादा है। परिश्रमी व्यक्ति समय का हमेशा सदुपयोग करते हैं। वे आलस नहीं करते। उन्हें पता है कि अगर समय को व्यर्थ जाने दिया तो यह लौटकर नहीं आयेगा। समय को नष्ट करने से कभी सुख नहीं मिलता।

2) आलस ही यह करा रहा है सभी बहाने,
जो करना है, करो अभी, कल हो क्या जाने?

आलस मनुष्य से बहाने करवाता है। आलस मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी है। आलस्यवश जल्दी सोना, देर से उठना, दोस्तों से व्यर्थ की बातों में समय खराब करना आदि बातें समय को नष्ट करने के समान है। इसलिए जो भी करना है उसे तुरंत करना चाहिए। कल के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। कल का क्या भरोसा।

3) पा सकते फिर नहीं कभी तुम इसको खोके
चाहो तुम क्यों नहीं चक्रवर्ती भी होके।

अगर धन खर्च हो जाए तो पुनः कमा सकते हैं। लेकिन गुजरा समय कभी वापस नहीं आता। आप कितने भी शक्तिशाली हो या चक्रवर्ती ही क्यों न हो, बीते समय को फिर से नहीं प्राप्त कर सकते।

4) कर सकता कब कौन द्रव्य है इसकी समता,
फिर भी तुमको नहीं जरा है इसकी चिंता॥

समय की बराबरी धन से नहीं की जा सकती और न ही इसे धन से पुनः प्राप्त किया जा सकता है। समय इतना कीमती होने पर भी हम इसे व्यर्थ जाने देते है और किसी प्रकार की चिंता नहीं करते।

5) समय ईश का दिया हुआ अति अनुपम धन है,
यही समय ही अहो तुम्हारा शुभ जीवन है।

समय भगवान की दी हुयी अनमोल संपदा है। हमें इसकी कीमत पहचान कर अपने जीवन को सँवारना चाहिए। यह समय ही हमारे जीवन का निर्माण करता है।

6) तुच्छ कभी तुम नहीं एक पल को भी जानो,
पल-पल से ही बना हुआ जीवन को मानो॥

हमें एक एक क्षण का उपयोग करना चाहिए। एक क्षण भी व्यर्थ नहीं समझना चाहिए। हमारा जीवन एक एक पल से ही निर्मित होता है।

7) करना है जो काम, उसी में चित्त लगा दो,
आत्मा पर विश्वास करो, संदेह भगा दो॥

अपने ऊपर आत्मविश्वास रखकर जिस काम में भी हाथ डालो उसे पूरे मन से करो। किसी भी प्रकार का संदेह मन में मत रखो।

8) ऐसा सुसमय भला और कब तुम पाओगे,
खोकर पीछे इसे सर्वथा पछताओगे ॥

इस प्रकार उचित समय को गँवाना नहीं चाहिए क्योंकि अगर इसे एक बार गँवा दिया तो फिर इसे आप कभी प्राप्त नहीं कर सकेंगे। समय निकल गया तो बहुत पछताओगे।

समय की पहचान Summary in English

Recognition Of Value Of Time Summary in English:

Poet: Siya Ramasharan Guptha
The poet gives the message that time is precious and useful. One should make best utilisation of time to be successful. When opportunity comes, should not allow it to go waste.

All the time is the best time for a person who is enterprising and hard-working. No one can be happy by wasting time. Laziness is not allowing to utilize time effectively, do to day what is to be done. Tomorrow is uncertain.

Even the emperor cannot get back the time. He has wasted. Time is more precious than wealth, but no one bothers about two.

Time is the precious gift of God to humans for a good life. Do not consider even a second as useless, life is made of innumerable seconds.

Do your duty with full faith and drive out suspicion. When will you get the right time, if you waste it you will repent always surely.

समय की पहचान Summary in Kannada

समय की पहचान Summary in Kannada 1
समय की पहचान Summary in Kannada 2

KSEEB SSLC Class 10 Hindi Solutions

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